गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर के बारे में उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार, 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में अपना विस्तृत जवाब दाखिल किया. उन्होंने अपने जवाब में कहा कि ये सभी एनकाउंटर सही थे और इन्हें फर्जी करार नहीं दिया जा सकता है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के शीर्ष कोर्ट से कहा कि पांच लाख के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों का एनकाउंटर सही था.
इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सोमवार, 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी, जिसका नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश करेंगे. न्यायालय ने कहा कि वह विकास दुबे व उसके साथियों के मुठभेड़ में मारे जाने और आठ पुलिस कर्मियों की हत्या की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में एक पैनल के गठन पर विचार कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में इस मामले की जांच सीबीआई, एनआइए या एसआइटी से करवाने की मांग की गई है. इसके साथ मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की खुद निगरारी करे. इस मामले में कोर्ट ने कोई अंतिम फैसला नहीं दिया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह संकेत जरूर दिया है कि इस मामले की जांच के लिए कोई आयोग का गठन किया जा सकता है.