छह महीने से किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं. ये किसान हैं कि मानता नहीं और वो सरकार हैं कि मानने को तैयार नहीं. किसान आंदोलन का तेवर अब भी जस का तस है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर शुरुआती दिनों से इसकी तुलना की जाय तो अभी यहां भीड़ कुछ कम है, लेकिन किसानों ने अपनी व्यवस्था पहले से ज्यादा चाक चौबंद कर ली है. भीषण गर्मी से बचने के लिए किसानों ने धरना स्थल पर वाटर कूलर, एयर कूलर, एसी तक लगा लिए है और बरसात से बचने के लिए टीन और वाटर प्रूफ टेंट लगाए गए है.

हरियाणा के जींद जिले के खटकड़ टोल पर बुधवार सुबह एक किसान ने जहर खाकर जान दे दी. मंगलवार रात को खटकड़ निवासी जिले सिंह ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली. घटना का पता उस समय चला जब जिले सिंह काफी समय तक नहीं उठे. किसान जब मौके पर पहुंचे तो वह मृत पाए गए और उनके पास ही जहरीले पदार्थ की बोतल पड़ी थी.
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया. पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. टोल पर मौजूद किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर रही है, जिसके चलते वो सरकार के इस रवैये से काफी आहत था.
लोकमत की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ किसान सोमवार को दिल्ली के धरने में गए थे. जब उन्होंने वापस आकर सरकार के किसानों के प्रति रवैये के बारे में बताया तो वे और परेशान हो गए. किसान नेता ने आरोप लगाया कि मंगलवार रात को इसी तनाव के चलते उन्होंने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली.
रिपोर्ट के मुताबिक, उचाना थाना प्रभारी रविंद्र कुमार ने बताया कि किसान जिले सिंह के परिवार के लोगों को बुलाया गया है. उनके बयान दर्ज करने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी.