कानपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले पांच लाख का इनामी विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर हो गया है. शुक्रवार सुबह करीब 6.30 बजे एसटीएफ गाड़ी उसे उज्जैन से कानपुर ला रही ला रही थी. इस दौरान एक्सीडेंट में गाड़ी पलट गई. जिससे उसमें बैठे आरोपी व पुलिसकर्मी घायल हो गये. इसी दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कानपुर पश्चिम के पुलिस अधीक्षक ने बताया, “अभियुक्त विकास दुबे को जब लाया जा रहा था तो रास्ते में गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ और गाड़ी पलट गई. उन्होंने बताया कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मियों की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की. पुलिस पार्टी ने उसको चारों तरफ से घेरकर आत्मसमर्पण कराने की कोशिश की. जिसमें उसने पुलिस पर फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, इसमें वो घायल हो गया था.”
विकास दुबे को घायल हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन उसकी मौत की खबर भी आ गई. पुलिस और डॉक्टरों ने आधिकारिक घोषणा कर दी है. विकास दुबे को गोलियां लगने से मौत हो गयी. खबर अपडेट के पहले तक, अस्पताल के बाहर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है. इसके साथ ही अब उसके शरीर को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने की तैयारी की जा रही है.
ज्ञात हो, कल ही विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था. वारदात के बाद से फरार विकास यूपी, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश पुलिस को चकमा देकर दर्शन करने मंदिर पहुंचा था. गिरफ्तारी के बाद विकास से पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दो घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई. इसके बाद उसे मध्यप्रदेश पुलिस ने यूपी एसटीएफ को सौंप दिया था.
इधर विपक्ष का विकास दुबे की एनकाउंटर को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं. समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने इस पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि “दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है.”
प्रियंका गांधी ने विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर ट्वीट कर उन्होंने सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा है कि “अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?”