कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर भारत के लिए कई मुसीबतें लेकर आई. कोरोना ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में की जारी लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को भारत को सबसे बड़े स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्रों में एक बताया और वैश्विक निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया. पीएम ने यह भी कि कहा कि देश में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं के बाद अब स्वास्थ्य सुविधाओं और अर्थव्यवस्था को दुरूस्त तथा तैयार करने की जरूरत है.
स्टार्ट-अप क्षेत्र पर केंद्रित विवाटेक सम्मेलन के पांचवें संस्करण को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत और फ्रांस व्यापक विषयों पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं और यह समय की जरूरत है कि दोनों कि देश इस साझेदारी को आगे जारी रखें. उन्होंने कहा कि कोविड के दो टीके भारत में बनाए गए हैं तथा कुछ और टीको के विकास एवं परीक्षण का काम चल रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक साल से हमने विभिन्न क्षेत्रों में बाधाओं का अनुभव किया है. अभी भी इसका काफी प्रभाव है. लेकिन हमें इससे निराश नहीं होना है.’’ महामारी के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में आई बाधाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, इसकी बजाय हमें इन्हें दुरूस्त और तैयार करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रतिभा, बाजार, पूंजी, परिवेश और खुलेपन की संस्कृति… इन पांच स्तंभों के आधार पर दुनिया को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पीच आप यहाँ सुन सकते हैं –