प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 15 दिसंबर को गुजरात के कच्छ पहुँचे. यहाँ उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा पार्क (World’s Largest Renewable Energy Park) का शिलान्यास किया. कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए विपक्ष पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि किसानों को डराने, भड़काने और भ्रमित करने की साजिश चल रही है.

गुजरात के कच्छ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फाउंडेशन स्टोर लेइंग सेरेमनी के दौरान किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन पर विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ”किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है. उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे.” उन्होंने कहा कि जो लोग आज कृषि सुधारों का विरोध कर रहे हैं, वे जब सत्ता में थे, तब इसका समर्थन कर रहे थे.
इसका विडियो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “हमारी सरकार की ईमानदार नीयत और ईमानदार प्रयास को पूरे देश ने आशीर्वाद दिया, हर कोने के किसानों ने आशीर्वाद दिए. मुझे विश्वास है कि भ्रम फैलाने वाले और किसानों के कंधे पर रखकर बंदूकें चलाने वाले लोगों को देश के सारे जागरूक किसान परास्त करके रहेंगे.”
पहले ये विडियो देखिए –
इस दौरान उन्होंने कहा, “अगर कोई आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रैक्ट करता है, तो क्या भैंस लेकर चला जाता है? जैसी आजादी पशुपालकों को मिल रही है, वैसी ही आजादी हम किसानों को दे रहे हैं. कई वर्ष से किसान संगठन इसकी माँग करते थे, विपक्ष आज किसानों को गुमराह कर रहा है लेकिन अपनी सरकार के वक्त ऐसी ही बातें करता था.”
पीएम मोदी ने कहा, ”कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी. अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए. आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वो भी अपने समय में इन सुधारों का समर्थन करते रहे हैं. वो किसानों को बस झूठे दिलासे देते रहे. जब देश ने ये कदम उठा लिया तो वो अब किसानों को भ्रमित कर रहे है.”
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा, “मैं अपने किसान भाइयों से फिर कह रहा हूँ, बार-बार कह रहा हूँ कि उनकी हर समस्या के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है. किसानों का हित पहले दिन से सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.” हालांकि, जब प्रधानमंत्री कृषि कानूनों पर दो टूक राय रख रहे हैं और विपक्ष पर निशाना साध रहे थे तो दूसरी ओर आंदोलनकारी किसान भी आन्दोलन में डटे हुए हैं.
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