केंद्र सरकार ने फिर किसानों को बातचीत का न्योता भेजा, कहा- चर्चा के लिए तारीख़ और समय बताएं

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानून अब उसी के गले की फांस चुकी है. एक ओर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं और इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्षी दलों को भी केंद्र सरकार को घेरने के लिए एक मुद्दा मिल गया है. 29 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को देश के विपक्षी पार्टियों के इस आन्दोलन में साथ के सिवाय अब तक इस कुछ हासिल नहीं हुआ है.

कृषि कानूनों के खिलाफ आन्दोलन कर रहे किसान (फोटो साभार – फाइनेंसियल एक्सप्रेस)

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के 29वें दिन सरकार ने 24 दिसंबर, गुरुवार को एक और चिट्ठी लिखकर किसानों से बातचीत के लिए दिन और समय तय करने की अपील की है. कृषि मंत्रालय द्वारा लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है. किसानों की हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अभी भी बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं. सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने ये चिट्ठी लिखी है.

इधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर किसानों के मामले में दखल देने की अपील की. उधर, धारा 144 लागू होने के बावजूद किसानों के समर्थन में मार्च निकालने की वजह से प्रियंका गांधी और दूसरे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों से किसानों का दिल्ली पहुंचने का सिलसिला जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 26 दिसंबर को पंजाब के खनौरी से और 27 दिसंबर को हरियाणा के डबवाली से 15-15 हजार किसान दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

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