रेड कर रहे अधिकारियों ने कहा, हमें दिखाकर ही कुछ पब्लिश करें: दैनिक भास्कर

देश के प्रतिष्ठित अखबारों में से एक दैनिक भास्कर ग्रुप के अलग-अलग शहरों में मौजूद दफ्तरों और दूसरे ठिकानों पर आयकर विभाग द्वारा आज रेड डाली गई. यूपी बेस्ड न्यूज चैनल भारत समाचार के प्रमोटर और कर्मचारियों के लखनऊ स्थित ठिकानों पर भी छापे मारे गए. विपक्ष ने नेताओ ने इसपर जमकर बवाल काटा.

इसके साथ ही अख़बार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, दैनिक भास्कर की आक्रामक पत्रकारिता के चलते आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में दैनिक भास्कर के दफ्तरों पर छापे मारे. अधिकारियों ने दफ्तरों में मौजूद नाइट शिफ्ट के कर्मचारियों के मोबाइल और लैपटॉप अपने कब्जे में ले लिए. इस कारण कई घंटों तक डिजिटल न्यूज का काम प्रभावित हुआ.

इस दौरान दैनिक भास्कर ने एक रिपोर्ट पब्लिश की. जिसका शीर्षक, सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार: गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़े देश के सामने रखने वाले भास्कर ग्रुप पर सरकार की दबिश है. इस रिपोर्ट में भास्कर ने कोरोना महामारी के दौरान की गई अपनी खबर का स्क्रीनशॉट लगाते हुए यह बताया कि जो छापेमारी हुई है उसकी मुख्य वजह यह है.

इस खबर में दैनिक भास्कर ने जो लिखा गया वो सबसे हैरान करने वाला है. भास्कर ने लिखा, ‘‘यह खबर भास्कर पर रेड डालने आये IT (आयकर विभाग) अधिकारियों को पढ़ाकर पब्लिश की गयी है. भास्कर दफ़्तर में बैठे अधिकारियों का निर्देश है कि छापे से जुड़ी हर खबर दिखाकर ही पब्लिश करना है.”

भास्कर ने छापे से जुड़ी अपनी दूसरी खबरों में भी बताया, “भास्कर दफ्तर में बैठे अधिकारियों का निर्देश है कि छापे से जुड़ी हर खबर दिखाकर पब्लिश करनी है.”

भास्कर ने ये लिखकर सभी न्यूज़ पब्लिश की है (तस्वीर स्रोत -भास्कर)

न्यूज़लांड्री की रिपोर्ट में कहा गया कि “यह हैरान करने वाली बात इसलिए है क्योंकि आपातकाल के दौरान भी इसी तरह अखबार को पब्लिश होने से पहले सरकारी सेंसर से होकर गुजरना पड़ता था. उन्होंने सत्याग्रह की एक रिपोर्ट हवाला देते कहा कि, ‘‘आपातकाल के दौरान 28 जून, 1975 को राजनीतिक विरोधियों और आंदोलनकारियों की गतिविधियों पर पहरा बैठाने के साथ ही प्रेस पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. ब्रिटिश शासन के बाद ऐसा पहली बार हुआ था. आलम यह था कि समाचार पत्रों में छपने वाली खबरों को सेंसर किया जाने लगा. उन्हें छापने से पहले सरकार की अनुमति लेने की बंदिश लगा दी गई.’’

इधर, एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, समाचार पत्र दैनिक भास्कर पर मारे गए छापे पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम इस पर संसद में भी जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि एजेंसियां अपना काम करती हैं. इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं करते, जो जानकारी दी जा रही है वह जरूरी नहीं कि सच हो.

टैक्स चोरी के आरोप में मीडिया ग्रुप दैनिक भास्कर और उत्तर प्रदेश के एक न्यूज चैनल पर आज सुबह कई शहरों में इनकम टैक्स की टीमों ने छापेमारी की. जैसे ही महत्वपूर्ण मीडिया आउटलेट्स पर छापेमारी शुरू हुई विपक्षी दलों ने सरकार पर सोशल मीडिया पर हमले और निंदा शुरू कर दी.सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सरकार की इस कार्रवाई पर जवाब दिया कि वे इस पर संसद में जवाब देंगे.

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