India China Border : NSA अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बातचीत के बाद पीछे हटी चीनी सेना

भारत और चीन में सीमा पर जारी तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत की. बताया जा रहा है कि डोभाल के साथ बातचीत का ही नतीजा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास गलवन घाटी में आज चीनी सेना पीछे हटी है. चीन ने यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक लद्दाख दौरे के दो दिन बाद रविवार को उठाया.

Symbolic Image (Photo-FirstPost)

सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल की चीन के विदेश मंत्री वांग यी से वीडियो कॉल पर दो घंटे चर्चा की. रविवार को हुई इस बातचीत के कुछ ही घंटे बाद चीन ने सेना वापस बुलाने का फैसला लिया. सूत्रों का कहना है कि बातचीत सौहार्दपूर्ण और दूरदर्शी तरीके से हुई. बातचीत पूरी तरह से और स्थायी तौर पर शांति वापस लाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एक साथ काम करने पर केंद्रित रही. इसके बाद आज ही दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की ख़बर आई है.

सूत्रों के अनुसार, गलवान की झड़प के 20 दिन बाद चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर 1-2 किलोमीटर पीछे हट गया है. उसने टेंट और अस्थाई निर्माण हटा लिए हैं. हालांकि, गलवान के गहराई वाले इलाकों में चीन की बख्तरबंद गाड़ियां अब भी मौजूद हैं. लद्दाख में भारत-चीन के बीच 4 पॉइंट्स पर विवाद है. ये पॉइंट- पीपी-14 (गलवान रिवर वैली), पीपी-15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर एरिया हैं. भारतीय सेना सभी पॉइंट पर नजर रख रही है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के इस बात पर सहमति बनी कि सीमा मुद्दे पर दो विशेष प्रतिनिधि अपनी चर्चा जारी रखेंगे. मंत्रालय ने कहा कि टेलीफोन पर हुई वार्ता में डोभाल और वांग ने पुन: दोहराया कि एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के लिए कोई एकतरफा कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोभाल और वांग इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय संबंधों में विकास के लिए शांति और स्थिरता की बहाली आवश्यक है.