पेगासस जासूसी मामला: क्या है पूरा सच, पेगासस स्पाईवेयर फोन टैपिंग मामले में क्यों साधा जा रहा है सरकार पर निशाना

चुनाव का माहौल जैसे ही नजदीक आती है पॉलिटिक्स ख़बरों की सुर्ख़ियों पर होती है देश दुनियां में तमाम मुद्दे तब दब जाते हैं देश में भी पॉलिटिक्स अपनी जगह पर मीडिया की सुर्ख़ियों में थी ही की अचानक इन सुर्ख़ियों में एक नया मोड़ आ गया. दरअसल पेगासस जासूसी मामले को देश की हिंदी के प्रमुख अखबारों ने या तो इस खबर को छापा ही नहीं है या इस खबर को महत्व नहीं दिया है. लेकिन ख़बरों के मुताबिक भारतीयों की इजराइल के एक सर्विलांस तकनीक से जासूसी कराने की खबरें द वायर और 16 मीडिया ने रविवार देर रात एक साथ दुनियाभर में प्रकाशित की थीं. इसके बाद इसराइल में विकसित पेगासस स्पाईवेयर के जरिए चर्चित लोगों की कथित फ़ोन टैपिंग को लेकर देश में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर – फोटो साभार सोशल मीडिया )

दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों की कंसोर्टियम ने दावा किया है कि दुनियाभर में सरकारें पत्रकारों और एक्टिविस्टों की जासूसी करा रही है. रविवार को पब्लिश हुई रिपोर्ट के मुताबिक भारत समेत कई देशों में सरकारों ने करीब 180 पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और एक्टिविस्ट्स की जासूसी की. इसके लिए इजराइली कंपनी NSO ग्रुप के हैकिंग साॅफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया.

द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, लीक हुए डेटा में 300 भारतीय मोबाइल नंबर शामिल हैं, जिनमें 40 मोबाइल नंबर भारतीय पत्रकारों के हैं. इनके अलावा तीन बड़े विपक्षी नेता, मोदी सरकार में दो केंद्रीय मंत्री, सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा- पूर्व प्रमुख और अधिकारी, बिजनेमैन शामिल हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि इन नंबरों को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018-2019 के बीच निशाना बनाया गया था.

दैनिक भास्कर की रपोर्ट के मुताबिक, पहले गुजरात, अब केंद्र: टेपिंग विवाद मोदी-शाह के लिए नया नहीं, 15 साल पहले भी गुजरात के नेताओं और अधिकारियों के फोन टेप के लगे थे आरोप रंगे हुए लाइन को क्लिक करके आप सम्बंधित ख़बरें भी पढ़ सकते हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के फ़ोन की कथित तौर पर जासूसी किए जाने की बात सामने आने पर कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला किया. कांग्रेस ने सोमवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और ‘गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच कराने’ की मांग की है.

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने क्या कहा वो आप नीचे इस वीडियो में सुने-

पेगासस मामले को लेकर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष, कांग्रेस सांसद और लेखक शशि थरूर ने सोमावार को कहा कि अगर भारत सरकार ने ऐसा किया है तो यह बहुत बुरा है. अगर किसी ने अनधिकृत रूप से ऐसा किया है, तो यह और भी बुरा है. यदि कोई विदेशी सरकार कहती है कि चीन या पाकिस्तान ने ऐसा किया है, तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से हमारी सरकार को जांच करानी चाहिए और इसलिए एक स्वतंत्र जांच नितांत आवश्यक है.

इसके साथ ही कई मशहूर हस्तियों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा है हम सबकी बात आपको एक आर्टिकल में नहीं बता/दिखा सकते हैं. इसके लिए क्षमा प्रार्थी हैं.

बरहाल इस मामले में पूर्व संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेगासस जासूसी मामले को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा- अजीब स्थिति है, कंपनी (एनएसओ ग्रुप) इसका खंडन कर रही है (पेगासस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में निष्कर्ष) और कह रही है कि उसके अधिकांश उत्पादों का उपयोग पश्चिमी देशों द्वारा किया जा रहा है लेकिन भारत को निशाना बनाया जा रहा है. क्या नया माहौल बनाने के लिए मानसून सत्र से पहले ‘पेगासस’ की कहानी को तोड़ने की योजना थी?

उन्होंने कहा- महत्वपूर्ण घटनाओं के समय इस प्रकार के प्रश्न क्यों उठाए जाते हैं? ट्रम्प की यात्रा के दौरान दंगे भड़काए गए थे, 2019 के चुनावों के दौरान पेगासस की कहानी प्रसारित की गई थी और फिर यह तब चर्चा में है जब संसद सत्र में है और जब कांग्रेस बहुत खराब स्थिति में है.

पेगासस जासूसी विवाद पर गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा है – “विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी. मानसून सत्र देश में विकास के नये मापदंड स्थापित करेगा.”

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