कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान गुरुवार को अरविंद केजरीवाल ने सदन में केंद्र सरकार द्वारा पारित विवादित कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ डालीं. इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायकों ने भी कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ीं थी.

फोटो साभार – ANI ट्विट
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा के लिए बुलाए गए दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में कड़ी टिप्पणी करते हुए केजरीवाल ने केंद्र से यह भी पूछा कि ”कोरोना महामारी के दौरान इन कानूनों को पारित करने की जल्दी क्या थी.” इस दौरान उन्होंने कहा –
कृषि कानूनों को महामारी के दौरान संसद में पारित करने की क्या जल्दी थी? यह पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में मतदान के बिना तीन कानून पारित किए गए हैं. मैंने इस विधानसभा में तीनों कानूनों को फाड़ दिया है और केंद्र सरकार से अपील की कि वे अंग्रेजों से बदतर न बनें.
इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा ने आज तीनों कृषि कानूनों को खारिज कर दिया और केंद्र सरकार से अपील की कि वह इन काले कानूनों को वापस ले. किसान आन्दोलन के विरोध के 20वें दिन के दौरान 20 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. इस आंदोलन में औसतन एक किसान प्रतिदिन शहीद हो रहा है.
केजरीवाल ने कहा, “हर किसान भगत सिंह बना हुआ है. केंद्र सरकार कह रही है कि किसान को कानून समझ नहीं आ रहा है और फार्म बिलों के लाभों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रैली में कह रहे थे तुम्हारी ज़मीन नहीं जाएगी, मंडी बन्द नहीं होगी, ये फायदा है क्या ?”
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, “कहा जा रहा है कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है. किसानों को नहीं भाजपाइयों को भ्रमित किया जा रहा है. ये सारे भाजपाइयों को अफीम खिला दी गई है.” उन्होंने आगे कहा –
किसी से पूछो तो एक लाइन रटा रखी है किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हैं. आज धान का एमएसपी 1868 है. यूपी और बिहार में ये 900-1000 का बिक रहा है. यूपी का किसान कहां जाकर बेच आये कि इससे ज़्यादा मिल जाये ?
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