न्यूज़ चैनलों के फर्जी TRP विवाद के बीच BARC ने तीन महीने के लिए चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग पर लगाई रोक

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo-HizHub)

पिछले कुछ दिनों में फर्जी रेटिंग और टीआरपी (TRP) के लिए किए जा रहे कथित घोटाले पर बड़ा विवाद खड़ा हुआ है और इसकी चपेट में कई छोटे-बड़े न्यूज चैनल सहित कई अन्य चैनल आए हैं, जिसके बाद रेटिंग एजेंसी ने अपने सिस्टम की पूरी तरह जांच करने के लिए तीन महीनों तक के लिए साप्ताहिक रेटिंग रोक दी है.

फर्जी टीआरपी को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच टीवी रेटिंग्‍स जारी करने वाली संस्‍था ब्रॉडकास्‍ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने बड़ा फैसला किया है. BARC ने चैनलों की साप्‍ताहिक रेटिंग्‍स पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है. रेटिंग्स का निलंबन अंग्रेजी, हिंदी, क्षेत्रीय भाषाओं और बिजनेस न्यूज चैनलों पर लागू होगा.

BARC ने 15 अक्टूबर, गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि ‘BARC अपने सिस्टम की जांच कर रहा है. इसके लिए न्यूज की कैटेगरी से प्रक्रिया शुरू की जा रही है. एजेंसी सभी न्यूज चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग पब्लिशिंग रोक रही है. इस प्रक्रिया में 8 से 12 हफ्ते लग सकते हैं.

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेटिंग एजेंसी BARC ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने यह कदम ‘बड़ी कैटेगरीज़ के डेटा की रिपोर्टिंग और रेटिंग मापने के अपने मौजूदा सिस्टम की समीक्षा करने का फैसला किया है, ताकि उसके सांख्यिकी को और मजबूत किया जा सके और इससे छेड़छाड़ करने की संभावित कोशिशों पर रोक लगाई जा सके.

इधर, फर्जी रेटिंग मामले में रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों की रेटिंग से छेड़छाड़ करने और ऐड रेवेन्यू के लिए फर्जी नैरेटिव तैयार करने के आरोपों में जांच चल रही है. रिपब्लिक टीवी के अलावा इनमें एक फ़क्त मराठी और एक बॉक्स सिनेमा का नाम आया है. दो टीवी चैनलों के मालिकों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि इस संबंध में रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों से भी पूछताछ चल रही है. रिपब्लिक टीवी ने टीआरपी रेटिंग में कुछ भी छेड़छाड़ करने से इनकार किया है.

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