मोदी सरकार पर बढ़ा कर्ज का बोझ, रिपोर्ट में खुलासा कर्ज बढ़कर 147 लाख करोड़ के पार

भारत सरकार यानि वर्तमान की मोदी सरकार के ऊपर कर्ज बढ़ गया है और ये आंकड़ा बढ़कर 147 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है. वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट से ये जानकारी सामने आई है. सरकार की कुल देनदारियां इस वित्त वर्ष में सितंबर के अंत तक बढ़कर 147.19 करोड़ रुपये हो गईं, जबकि जून के अंत तक यह यह 145.72 करोड़ रुपये के स्तर पर थीं.

सार्वजनिक कर्ज के ताजा आंकड़ों के अनुसार, प्रतिशत के हिसाब से तिमाही आधार पर चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में इसमें एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सरकार ने जूलाई-सितंबर तिमाही में नकद प्रबंध बिल यानी नकदी प्रबंधन के लिये अल्प अवधि की प्रतिभूतियों के जरिये कोई राशि नहीं जुटायी है. इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों के लिये कोई खुली बाजार गतिविधियां आयोजित नहीं कीं.

मनी कण्ट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को सार्वजनिक कर्ज प्रबंधन पर जारी तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, इस साल सितंबर के अंत में सार्वजनिक कर्ज, सकल देनदारी का 89.1 प्रतिशत रहा जो 30 जून को समाप्त तिमाही में 88.3 प्रतिशत था.

रिपोर्ट में विदेशी मुद्रा भंडार के संदर्भ में कहा गया है कि यह 30 सितंबर, 2022 को 532.66 अरब डॉलर रहा जो 24 सितंबर, 2021 को 638.64 अरब डॉलर था. एक जुलाई, 2022 से 30 सितंबर, 2022 के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 3.11 प्रतिशत नीचे आया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here