मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अनिल देशमुख बुधवार को करीब एक साल बाद जेल से बाहर आए हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में अनिल देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक बढ़ाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद NCP नेता आज यानी बुधवार को जेल से रिहा हो गए.
मुंबई में आर्थर रोड जेल के बाहर उनका स्वागत हुआ. अनिल देशमुख के जेल से बाहर निकलने पर उनका स्वागत करने के लिए एनसीपी के कई बड़े नेता वहां मौजूद थे. बड़ी संख्या में एनसीपी के कार्यकर्ता वहां पहुंचे थे.
जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. उन्हें बदले की भावना के तहत फंसाया गया था. अनिल देशमुख ने कहा, “मेरे ऊपर लगाए आरोप बेबुनियाद हैं. परमबीर सिंह ने शपत पत्र में लिखकर दिया कि उन्होंने मुझ पर सुनी सुनाई बातों पर आरोप लगाया था जिसका उनके पास कोई सबूत नहीं।ऐसा परमबीर सिंह ने कोर्ट में लिखकर दिया था.”
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीपी नेता अनिल देशमुख की जमानत बढ़ाने की मांग वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया था और उनकी जमानत बरकरार रखी थी. इसके साथ ही 100 करोड़ रुपये की वसूली मामले में अनिल देशमुख के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया था.
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मार्च 2021 में आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को मुंबई के रेस्तरांओं और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य दिया था.