चुनावी हार के डर से लिया फैसला, कृषि कानूनों की वापसी पर विपक्षियों ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

(फोटो साभार – हिंदुस्तान टाइम्स)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लगभग एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों की मांग मानते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. उन्होंने इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे किसानों को घर वापस लौटने की भी अपील की. प्रधानमंत्री ने कानून वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि हम किसानों के हित में यह तीनों कानून लेकर आए थे. पीएएम ने कहा कि शायद हम कुछ किसानों को इसके बारे में समझाने में असफल रहे.

पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद चारों ओर से इसपर प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये फैसला तब लिया जब देश के कुछ राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर विपक्षी नेताओ ने मोदी पर निशाना साधा है और कहा कि उन्होने चुनाव मे हार के डर से ये फैसला लिया.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया. अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम की घोषणा के बाद किसानों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ काफी संघर्ष किया है. यह जीत उनकी है. उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हर एक किसान को मेरी हार्दिक बधाई, जिसने लगातार संघर्ष किया और विचलित नहीं हुए. यह आपकी जीत है! इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “किसी को भी अगर ये लगता है कि सरकार ने बड़प्पन दिखाते हुए कृषि कानूनों को रद्द किया है. तो ये उसकी गलतफहमी है. ये सरकार केवल अपने खिलाफ खराब स्थिति आता देख प्रतिक्रिया देती है. उपचुनावों में मिली नाकामयाबी ने ईंधन के दाम कम करा दिए. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनावी गणित खराब होने के चलते कृषि कानून निरस्त कर दिए गए.”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की सरकार की घोषणा का शुक्रवार को स्वागत करते हुए कहा कि यह केवल किसानों की ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की भी जीत है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी मिली. तीनों क़ानून रद्द. 700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए. उनकी शहादत अमर रहेगी. आने वाली पीढ़ियाँ याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था. मेरे देश के किसानों को मेरा नमन.”

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के ऐतिहासिक आंदोलन की जीत के लिए बधाई देते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया.

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा पर ट्वीट करके कहा, ”काले कानूनों को निरस्त करना सही दिशा में एक कदम. किसान मोर्चा के सत्याग्रह को मिली ऐतिहासिक सफलता. आपके बलिदान ने लाभ का भुगतान किया है. पंजाब में एक रोड मैप के माध्यम से खेती को पुनर्जीवित करना पंजाब सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.”

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा. कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए. भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी?”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए तीन ट्वीट कर कहा, “600 से अधिक किसानों की शहादत, 350 से अधिक दिन का संघर्ष, प्रधानमंत्री मोदी जी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी. आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलनजीवी बोला, उनपर लाठियाँ बरसायीं, उन्हें गिरफ़्तार किया. अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी – कि यह देश किसानों ने बनाया है, यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती. आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है. किसान की सदैव जय होगी. जय जवान, जय किसान, जय भारत.

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