वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना प्रभावित क्षेत्रों के लिये 1.1 लाख करोड़ रुपये की लोन गारंटी योजना का किया ऐलान

कोरोना महामारी और से जूझ रहे देश के उद्योग धंधों को राहत देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर अर्थव्यवस्था को तेजी लाने के लिए कई आर्थिक घोषणाएं की हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 8 आर्थिक फैसलों का एलान किया है. उन्होंने बताया कि इनमें से चार पूरी तरह नए हैं और एक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए है.

वित्त मंत्री का अर्थव्यवस्था के लिए राहत पैकेज कुल 6.29 लाख करोड़ रुपये का है. सीतारमण ने कोविड-प्रभावित सेक्टर्स के लिए 1.1 करोड़ रुपये की लोन गारंटी स्कीम और हेल्थ सेक्टर को 7.95 फीसदी पर 100 करोड़ रुपये के लोन का एलान किया. इस कर्ज पर सरकार की गारंटी भी होगी.

इस पैकेज के तहत हेल्थकेयर सेक्टर (Healthcare Sector) को 50,000 करोड़ और दूसरे सेक्टर्स के लिए 60,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है. इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि, क्रेडिट गारंटी योजना के तहत, जो एक नई योजना है, 25 लाख लोग लाभान्वित होंगे. छोटे वित्त संस्थाओं द्वारा छोटे से छोटे उधारकर्ताओं को दिया जाने वाला ऋण है अधिकतम 1.25 लाख रुपये उधार दिए जाने हैं. पुराने कर्जों के पुनर्भुगतान पर नहीं, नए कर्ज देने पर फोकस होगा. ब्याज दर रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक निर्धारित अधिकतम ब्याज दर से 2% कम होगी. इसके अलावा नई क्रेडिट गारंटी योजना में एनपीए को छोड़कर तनावग्रस्त उधारकर्ताओं को कवर किया जाएगा. साथ ही ये योजना छोटे शहरों सहित भीतरी इलाकों के छोटे से छोटे कर्जदारों तक भी पहुंचेगी.

उन्होंने कहा कि, एक बार अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू होने के बाद, भारत आने वाले पहले 5 लाख पर्यटकों को वीजा शुल्क नहीं देना होगा. योजना 31 मार्च, 2022 तक लागू है, या पहले 5 लाख वीजा के वितरण के बाद बंद कर दी जाएगी. एक पर्यटक केवल एक बार लाभ उठा सकता है. पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए, नई ऋण गारंटी योजना पर्यटन मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त 10,700 क्षेत्रीय स्तर के पर्यटक गाइड और यात्रा और पर्यटन हितधारकों (टीटीएस) का समर्थन करेगी.

वहीं वित्त मंत्री ने एलान किया कि बजट के 85,413 करोड़ रुपये के अलावा 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि नवंबर 2021 तक गरीबों के लिए मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की कुल लागत 2.27 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी.

वहीं भारत सरकार ने आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना को अब 30 जून 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया है। इससे अब तक करीब 80,000 प्रतिष्ठानों के 21.4 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं. इसके अलावा डिजिटल इंडिया योजना के तहत 19,041 करोड़ रुपये जारी होंगे. जिसमें देश की सभी ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.

वहीँ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए 23,220 करोड़ रुपये, जिसमें बच्चे और बाल चिकित्सा देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. इसमें मेडिकल छात्रों, नर्सों को शामिल करने के लिए मानव संसाधन वृद्धि भी शामिल होगी; चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना. उक्त राशि इसी वित्तीय वर्ष में ही खर्च की जाएगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि, किसानों को लगभग 15,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोटीन आधारित उर्वरक सब्सिडी मिलेगी.

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