भारत की अर्थव्यवस्था में कोरोनावायरस के शुरुआती झटके के बाद सुधार दिखाई दे रहा है. लॉकडाउन के असर से वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में तगड़े झटके के बाद दूसरी तिमाही ने उबरने के संकेत दिए हैं. देश की अर्थव्यवस्था अब आधिकारिक रूप से मंदी की चपेट में है. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन दर्ज किया गया है. शुक्रवार को सरकार ने आंकड़ा जारी कर यह जानकारी दी है.

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में GDP में गिरावट -7.5 फीसदी रही. जबकि पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून में जीडीपी में -23.9 फीसद की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज हुई थी. दरअसल, पहली तिमाही के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में देश में पूरी तरह से लॉकडाउन था. लेकिन देश तकनीकी मंदी की चपेट में जाता दिख रहा है.
हालांकि पहली तिमाही के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में देश में पूरी तरह से लॉकडाउन था. मई के अंत में जाकर गतिविधियां और आवागमन शुरू हुआ था. जबकि दूसरी तिमाही में पूरी अर्थव्यवस्था खुल गई है. ऐसे में GDP में कम गिरावट रह सकती है. रेटिंग एजेंसियों का अनुमान था कि दूसरी तिमाही में GDP 10 से 11% के बीच गिर सकती है.
इस तरह देखें, तो आंकडे़ उम्मीद से काफी बेहतर हैं. गिरावट की यह रफ्तार मौजूदा तिमाही में और धीमी पड़ेगी और चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च, 2021 में वृद्धि दर के सकारात्मक होने की संभावना है.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में सकल संपत्ति मूल्य (GVA) -7 फीसद रहा है. इसके -8.6 फीसद रहने का अनुमान था. वहीं, कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.4 फीसद रही है. इसके 3.9 फीसद रहने का अनुमान था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक कृषि, मत्स्यपालन और वानिकी के क्षेत्र की रफ्तार तेज हुई है. मैन्युफैक्चरिंग, बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपभोग की सेवाओं में इस तिमाही में उल्लेखनीय सुधार दिखा है. विशेषज्ञों का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उछाल से रोजगार बढ़ोतरी की उम्मीद है.
देश की दो प्रमुख आर्थिक रिसर्च एजेंसियों एसबीआई और क्रिसिल की ताजी रिपोर्ट में कहा गया था कि दूसरी तिमाही में भी इकोनॉमी की स्थिति को संभालने में सबसे बड़ी भूमिका कृषि सेक्टर ही निभाएंगे. एसबीआई ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट की रफ्तार 10.7 फीसद के करीब रहने की उम्मीद जताई थी.
दूसरी तिमाही के आंकड़ों पर जीडीपी में गिरवाट को लेकर ख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यन ने कहा कि मौजूदा आर्थिक स्थिति कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को प्रदर्शित कर रही है। उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में खाद्य महंगाई में कमी आने की उम्मीद है. यह एक ऐसी चीज है जिसे बारीकी से ट्रैक करना होता है.