तंजानियाई लेखक अब्दुलरजाक गुरनाह को वर्ष 2021 का साहित्य नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. जांजीबार में जन्मे और इंग्लैंड में रहने वाले गुरनाह यूनिवर्सिटी ऑफ केंट में प्रोफेसर हैं. उनके उपन्यास ‘पैराडाइज’ को 1994 में बुकर पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था.
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तंजानिया के उपन्यासकार अब्दुलरजाक को उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों व महाद्वीपों के बीच की खाई में शरणार्थियों की स्थिति के करुणामय चित्रण को लेकर सम्मानित किया गया है. उनके उपन्यासों में शरणार्थियों का मार्मिक वर्णन मिलता है.
अब्दुलरजक गुरनाह ने कई उपन्यास लिखे लेकिन गुरनाह के उपन्यास ‘पैराडाइज’ (1994) ने उन्हें एक लेखक के रूप में विशेष पहचान दिलाई थी. उन्होंने 1990 के आसपास पूर्वी अफ्रीका की एक शोध यात्रा के दौरान यह उपन्यास लिखी थी. यह एक दुखद प्रेम कहानी है जिसमें दुनिया और दुनियां के मान्यताएं एक-दूसरे से टकराती हैं.
अब्दुलरजक गुरनाह का जन्म 1948 में तंजानिया के जंजीबार में हुआ था. लेकिन 1960 के दशक के अंत में एक शरणार्थी के रूप में वह इंग्लैंड पहुंचे. रिटायरमेंट के पहले तक वह केंट विश्वविद्यालय, कैंटरबरी में अंग्रेजी और उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफेसर थे.