किसानों से संवाद में विपक्ष पर जमकर बरसे पीएम मोदी, बोले- नकारे गए पार्टी कर रहे हैं गुमराह, किसान सम्मान निधि के तहत वित्तीय किस्त हुआ जारी

केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर 30 दिनों से किसान आन्दोलन और धरने के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर, शुक्रवार को देश के कई राज्यों के किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले वित्तीय लाभ की किस्त भी जारी की.

देश के कई राज्यों के किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो साभार – नरेन्द्र मोदी ट्वीट)

शुक्रवार को जब 9 करोड़ किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपए की सम्मान निधि ट्रांसफर हो रही थी, तब प्रधानमंत्री मोदी का ज्यादा जोर इस पर बात था कि आंदोलन कर रहे किसानों को कैसे कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं और बंगाल के किसानों तक किस तरह फायदा नहीं पहुंच पा रहा.

किसानों से बातचीत में नए कृषि कानूनों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “कृषि सुधार कानूनों के बाद किसान जहां चाहें, जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं. जहां सही दाम मिले, वहां बेच सकते हैं. मंडी में बेच सकते हैं, व्यापारी को बेच सकते हैं, दूसरे राज्य में बेच सकते हैं और निर्यात भी कर सकते हैं.”

किसानों से बातचीत में विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है. किसान जिसे चाहे अपनी उपज बेचना सकते हैं, सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि एक मजबूत कानून किसानों के पक्ष में खड़ा है. लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टी जिन्हें देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से नकार दिया है, वो आज कुछ किसानों को गुमराह कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पूरा संबोधन आप यहाँ से भी सुन सकते हैं :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुखिया ममता बनर्जी पर वार करते हुए कहा कि उन्हें किसानों के हित की चिंता नहीं है, बल्कि वह राजनैतिक रूप से खुद को पुनर्जीवित करने की कोशिश में जुटी हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की सही कीमत मिले. हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया. पहले कुछ ही फसलों पर MSP मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई.”

पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल नए कृषि कानूनों का विरोध करके राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं. कुछ नेता किसानों के विरोध के नाम पर अपनी राजनीतिक विचारधारा को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. ये वही लोग हैं जो वर्षों तक सत्ता में रहें. इनकी नीतियों की वजह से देश की कृषि और किसान का उतना विकास नहीं हो पाया जितना उसमें सामर्थ्य था. पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद छोटा किसान हुआ.

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