72वां गणतंत्र दिवस समारोह, 55 साल बाद कोई विदेशी मुख्य अतिथि नहीं

26 जनवरी, 2021 को भारत अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. इस दिन ही साल 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया था. विश्‍व का सबसे बड़ा संविधान कहे जाने वाले इस संविधान को अस्तित्व में आने में पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. भारत को स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. 26 जनवरी को पुरे देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.

देश इसे राष्ट्रीय गौरव का त्यौहार समझते हैं और काफी धूमधाम के साथ के मानते आये हैं. गणतंत्र दिवस को सभी धर्म जाति और समुदाय के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं. इस खास मौके पर स्कूलों और कॉलेजों में कई तरह की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है. भारत हर साल लोकतंत्र के इस महापर्व को बड़े ही धूम धाम और भव्य तरीके से आयोजित करता रहा है. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण इसमें काफी कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे. इस बार का ये कार्यक्रम थोड़ा अलग होगा.

गणतंत्र दिवस समारोह में इस बारे विदेश का कोई गणमान्य मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा. इससे पहले भारत में 1952, 1953 और 1966 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में किसी दूसरे देश का प्रमुख मुख्य अतिथि नहीं होगा. पूरे विश्व में फैली कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस साल 26 जनवरी पर किसी विदेशी मुख्य अतिथि को गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा नहीं बनाने का फैसला किया गया है. बता दें कि भारत की ओर से ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को देश आने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन ब्रिटेन में नए कोरोना स्ट्रेन के प्रकोप के चलते उन्हें अपनी यात्रा को रद करना पड़ा.

कोरोनावायरस महामारी के चलते इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में अतिथियों और दर्शकों की संख्या कम रहेगी. जहां हर साल रिपब्लिक डे परेड देखने 1.15 लाख लोग मौजूद रहते थे, वहीं इस बार यह संख्या 25 हजार लोगों तक ही सीमित होगी. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाए रखने जैसी एहतियात गणतंत्र दिवस समारोह में भी दिखेगी. परेड का रूट छोटा होगा. केवल 4,000 आम लोगों को अनुमति दी जाएगी, बाकी दर्शक वीवीआईपी और वीआईपी मेहमान होंगे. इसके साथ ही 15 साल से कम उम्र के बच्चों को यहां प्रवेश नहीं मिलेगा. इसी तरह, मीडिया प्रतिनिधियों की संख्या को भी घटाकर 300 से 200 तक कर दिया गया है.

मार्च करने वाले सैन्य दस्तों की संख्या 144 से घटाकर 96 कर दी गई है. इसके अलावा गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार कुल 32 झांकियां होंगी जिनमें से 17 विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से होंगी. इसके साथ ही नौ झांकियां विभिन्न मंत्रालयों से जुड़ी होंगी. इतना ही नहीं इसमें 6 झांकियां सुरक्षाबलों की भी होंगी. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के चलते इस बार हमारे सैनिक परेड के दौरान मास्क में नजर आएंगे.

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