ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की उम्र में 8 अगस्त 2022 को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया. महारानी ने 70 साल तक शासन किया. एलिजाबेथ अपने पिता किंग जॉर्ज षष्ठम के निधन के बाद 6 फरवरी, 1952 को वह महारानी बन गई थीं, लेकिन इसके 16 महीने बाद दो जून, 1953 को उनका राज्याभिषेक हुआ.
ब्रिटिश राजशाही के नियम कहते हैं कि ‘सम्राट या महारानी के निधन के तुरंत बाद नया राजा सिंहासन का हकदार होता है.’ इसका मतलब है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सबसे बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स, उनके निधन के तुरंत बाद राजा बन गए हैं. लेकिन नए सम्राट के रूप में ताजपोशी से पहले उन्हें कई व्यवहारिक और पारंपरिक नियमों से गुज़रना होगा. अब उन्हें किंग चार्ल्स तृतीय के रूप में जाना जाएगा.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चार्ल्स को अधिकारिक रूप से शनिवार को सम्राट घोषित कर दिया जाएगा. इसके लिए लंदन स्थित सैंट जेम्स पैलेस में असेसन काउंसिल (परिग्रहण परिषद) नाम की औपचारिक निकाय के समक्ष कार्यक्रम होगा.
नए किंग के रूप में उन्हें क्या कहा जाएगा, यही नए चार्ल्स तृतीय का पहला फैसला होगा. परंपरा के मुताबिक वे अपने लिए चार नाम- चार्ल्स, फिलिप, अर्थर, जॉर्ज में से किसी एक नाम को चुन सकते थे. शुक्रवार को किंग चार्ल्स तृतीय और क्वीन कंसोर्ट कैमिला लंदन पहुंच गए. प्रधानमंत्री लिज ट्रस से मुलाकात करने के साथ ही शोकग्रस्त राष्ट्र को वे संबोधित करेंगे.
1961, 1983 और 1997 में एलिजाबेथ द्वितीय तीन बार भारत आईं और वो भारत की शाही मेहमान बनी थीं. 1961 में भारत के गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल हुई थीं. उनके साथ प्रिंस फिलिप भी थे.