संसद के मानसून सत्र का 3 अगस्त को 11वां दिन था. दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक (दिल्ली सर्विस बिल) लोकसभा में पास हो गया. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक भारी बवाल के बीच लोकसभा में पास हुआ. वहीं, AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू को बाकी बचे सत्र के लिए निलंबित कर दिया.
AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू को आसन पर कागज फेंकने के कारण लोकसभा के शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. रिंकू को निलंबित करने का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी लाए थे. स्पीकर ओम बिरला ने फैसले की घोषणा करने से पहले सदन की मंजूरी मांगी.
लोकसभा से निलंबित होने के बाद AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को से बात करते हुए कहा, “संविधान टूट रहा है, देश की संघीय व्यवस्था खतरे में है…जब निर्वाचित सरकार की शक्तियां गैर-निर्वाचित और नौकरशाहों को दी जाती हैं तो यह संविधान का अपमान है. सतर्कता विभाग केंद्र सरकार के हाथ में है. अदालत तय करेगी कि कौन भ्रष्ट है और कौन नहीं…मुझे इस बात का अफसोस नहीं है कि लोगों के लिए आवाज उठाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए मुझे निलंबित कर दिया गया.”
इधर, AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा, “बीजेपी के पास प्रचंड बहुमत है. हमें पहले से ही पता था कि ये असंवैधानिक बिल है, यह बिल भारत के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले इसके खिलाफ फैसला सुनाया था. मेरा मानना है कि जब यह सुप्रीम कोर्ट में जाएगा तो कोर्ट इसे देखेगा… हर पार्टी की अपनी रणनीति होती है. हमने वहां बैठकर विधेयक का विरोध किया.”
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “गृह मंत्री ने प्रभावशाली भाषण दिया. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा से भागते हैं और कार्यवाही में बाधा डालते हैं. केजरीवाल सरकार की सच्चाई आज सामने आ गई…मैं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बताना चाहूंगा कि चारा घोटाले की सीबीआई जांच में ललन सिंह हमारे साथ थे…लालू यादव और अन्य को दोषी ठहराया गया. क्या हुआ है? ये ‘लोक-लाज’ क्या है…इसे कहते हैं अवसरवादिता की पराकाष्ठा.”
भाजपा सांसद किरण खेर ने AAP पर सवाल करते हुए कहा, “क्या उनके (AAP) पास कोई तर्क थे, गृह मंत्री अमित शाह ने सभी तर्क पेश किये. शीला दीक्षित ने यहां लंबे समय तक शासन किया, भाजपा ने यहां लंबे समय तक शासन किया लेकिन उन्होंने कभी ऐसी स्थिति पैदा नहीं की. उन्हें पता होना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्या किया कि ऐसा करना पड़ा.”