एनबीडीएसए ने दिया ज़ी न्यूज़ को किसान आंदोलन से संबंधित दो वीडियो हटाने का निर्देश

देश में टीवी न्यूज़ चैनलों के स्वनियमन के लिए गठित निजी और स्वैच्छिक संस्था एनबीडीएसए ने कहा है कि किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग में ज़ी न्यूज़ ने मीडिया इथिक्स यानी आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्होंने 19 नवंबर को जारी एक आदेश में कहा है कि ज़ी न्यूज़ के वीडियो आपत्तिजनक हैं जिनमें किसान आंदोलन को खालिस्तानियों से जोड़ा गया था.

न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने ज़ी न्यूज़ से किसान आंदोलन को लेकर किए गए रिपोर्टिंग के दो वीडियो को वापस लेने को कहा है. यह दोनों वीडियो 19 और 20 जनवरी को प्रकाशित हुए थे. ‘लाइव लॉ’ की रिपोर्ट के अनुसार उन कार्यक्रमों का शीर्षक “ताल ठोक के: खालिस्तान से कब सावधान होगा किसान?” और “ताल ठोक के: नहीं माने किसान तो क्या गणतंत्र दिवस पर होगा ‘गृह युद्ध’?”

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता में प्राधिकरण ने ज़ी न्यूज़ द्वारा प्रसारित किसान आंदोलन से संबंधित दो कार्यक्रमों के संबंध में एक इंद्रजीत घोरपड़े द्वारा दायर एक शिकायत में ये आदेश पारित किया है.

एनबीडीएसए ने अपने फैसले में कहा कि, टीवी चैनलों को धार्मिक रिपोर्टिंग के दौरान सावधानी रखनी चाहिए. चैनल ने भारतीय झंडे को लाल किले से हटाने का गलत वीडिया दिखाया. ये चैनल का हेडलाइन कोड ऑफ एथिक्स और ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड का सीधा उल्लंघन है. चैनल अपने प्लेटफॉर्म, यूट्यूब तथा अन्य सभी जगह से यह वीडियो को तुंरत हटा दे, साथ ही सात दिनों में एनबीडीएसए को लिखित में सूचित करे.

रिपोर्ट के मुताबिक, एनबीडीएसए यानी न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने यह भी पाया कि ज़ी न्यूज़ ने झूठी रिपोर्ट दी कि लाल क़िले से भारतीय राष्ट्र ध्वज हटा दिया गया था. एनबीडीएसए ने ज़ी न्यूज़ को उन प्रसारणों के वीडियो को तुरंत हटाने का निर्देश दिया है.

एनडीबीएसए को दी गई शिकायत में कहा गया है कि कार्यक्रम “दर्शकों के बीच अनुचित भय और संकट पैदा करने और उनकी रक्षा करने के लिए राष्ट्रीय संस्थानों की क्षमता में जनता के विश्वास को कम करने के लिए डिज़ाइन किए गए थे.”

ज़ी न्यूज़ द्वारा प्रसारित एक कार्यक्रम के संबंध में एनबीडीएसए को एक और शिकायत की गई, जिसमें शिकायत के अनुसार, एंकर ने बार-बार कहा कि विरोध करने वाले किसानों ने दिल्ली में लाल किले से भारत का राष्ट्रीय ध्वज हटा दिया और खालसा झंडा फहराया.

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