केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं किसानों का आन्दोलन इतना विशाल रूप ले चूका है कि वे देश की राजधानी दिल्ली को लगभग घेर रखा है. लंबे घमासान के बाद आज मंगलवार को किसान और सरकार के बीच बातचीत शुरू हुई. दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 3 घंटे से ज्यादा देर तक बैठक चली. हालांकि नतीजा कुछ नहीं निकला. सरकार और किसानों के इस बीच बातचीत में कोई फैसला नहीं निकल पाया, किसानों ने कहा है कि आंदोलन जारी रहेगा.

कृषि कानून के मुद्दे पर आंदोलनरत किसानों से चर्चा के दौरान सरकार ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए समिति बनाने का सुझाव रखा, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. दरअसल, सरकार ने किसान प्रतिनिधियों के सामने मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) पर पावर प्रेजेंटेशन दिया. उनके सामने प्रस्ताव रखा कि नए कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बनाई जाए, इसमें केंद्र, किसान और एक्सपर्ट शामिल हों. पर, बात नहीं बनी.
दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई इस बातचीत में कोई फैसला नहीं निकलने के बाद अब
दोनों पक्षों के बीच अगली बैठक गुरुवार को होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगली बैठक 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजे होगी.
इधर बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से कहा कि हम किसान भाइयों से आग्रह करते हैं कि आंदोलन स्थगित करें और वार्ता के लिए आएं परन्तु ये फैसला करना किसान यूनियन और किसानों पर निर्भर है.
दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात के बाद किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य चंदा सिंह ने कहा – हमारा आंदोलन जारी रहेगा. सरकार से कुछ लेकर जाएंगे. सरकार अगर शांति चाहती है तो लोगों का मुद्दा हल करे. हम मुलाकात के लिए परसों फिर आएंगे.