लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए 10 फ़रवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र लगभग डेढ़ घंटे के भाषण में कहा था कि किसान आन्दोलन का मैं सम्मान करता हूँ लेकिन आंदोलनजीवी इसे अपवित्र कर कर रहे है. किसानों के पवित्र आंदोलन को अपवित्र करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा था कि विपक्ष के मुद्दे कितने बदल गए. जब हम विपक्ष में थे, तब देश के विकास के मुद्दे और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरते थे. आज आश्चर्य होता है कि विकास के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं करता. हम इंतजार में रहते हैं कि बोलें तो हम जवाब दें.

इसके ठीक एक दिन बाद 11 फ़रवरी को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने लोकसभा में कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को घेरा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर पलटवार किए. किसानों के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह किसानों का आंदोलन नहीं है, यह देश का आंदोलन है.
इस दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान किसानों का मुद्दा उठाया. साथ ही बिना नाम लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तंज भी कसा. राहुल ने कहा कि देश को चार लोग चला रहे हैं- हम दो, हमारे दो. राहुल ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि उन्होंने ऑप्शन दिया है, लेकिन उनका पहला ऑप्शन भूखमरी, दूसरा बेरोजगारी और तीसरा आत्महत्या है.’
राहुल के भाषण की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा हुआ. कई बार नारेबाजी हुई. पीछे से आवाजें आई कि यह कांग्रेस की बैठक नहीं है. स्पीकर ने भी कई बार राहुल को टोकते हुए कहा कि आप बजट पर चर्चा कीजिए. लेकिन राहुल किसानों के मुद्दे पर बोलते रहे.
यहां देखें राहुल गाँधी का पूरा भाषण :
इससे पहले 8 फ़रवरी को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि बजट में सैनिकों की पेंशन में कटौती हुई, न जवान के लिए कुछ है और न ही किसान के लिए कुछ, मोदी सरकार के लिए 3-4 उद्योगपति मित्र ही भगवान हैं.