विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब सरकार ने पानी के बकाया बिल माफ करने का किया ऐलान

चुनाव ही जनतंत्र में जनता की सबसे बड़ी ताकत है. इसमें जनता को फिर मौका मिलता है. कि वह पहले अच्छी सरकार चुने या यदि वर्त्तमान सरकार में उसका विश्वास है, तो वह विश्वास दिखाए. किसी महान महापुरूष ने कहा है- चुनाव ही लोकतंत्र की नींव है. किन्तु चुनावी मुद्दों के लोक-लुभावन वादों से, पूरे प्रदेश में सियासी हलचल मची हुई है. किस पार्टी के मेनीफेस्टो कौन सा चुनावी ऑफर निकल कर आ जाय किसी को कुछ पता नही. देश-प्रदेश में जब चुनाव सामने आने लगते हैं जनता के लिए नेताओ का ऑफर भी ठीक वैसे ही सामने आने लगते हैं. कितना पूरा होता है और कितना नहीं इसका चर्चा बाद में करेंगे. आज एक और ऑफर की चर्चा कर लेते हैं. जो पंजाब सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के लिए ऐलान किया हैं.

दरअसल रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मोहर लगी. पंजाब सरकार ने सोमवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के पानी के बिल का बकाया माफ करने का ऐलान किया है. अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस राहत की घोषणा की गई है. मंत्रिमंडल ने इसके अलावा पानी का शुल्क 50 रूपये प्रतिमाह तय करने का भी फैसला किया है.

मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि हम सभी शहरों में करीब 700 करोड़ रुपये के पानी के बकाया बिल को माफ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांवों में, पंचायतों के पानी के लंबित बिल भी माफ किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि इसपर तकरीबन 1,168 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

कैबिनेट की बैठक के बाद सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बताया कि सरकार पंजाब के लोगों को मुफ्त पानी और सीवरेज सुविधा मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के पानी के बिल का बकाया माफ करने का फैसला किया. उन्होंने कहा –

“हम सभी शहरों का 700 करोड़ रुपये का बकाया पानी माफ कर रहे हैं. कैबिनेट ने फैसला किया है कि राज्य सरकार जलापूर्ति ट्यूबवेल के बिजली बिल का भुगतान करेगी. गांवों में, पंचायतों के लंबित पानी के बिल भी माफ कर दिए जाएंगे. ये लगभग 1,168 करोड़ रुपये होंगे. मंत्रिमंडल ने समूह-डी पदों के लिए नियमित आधार पर नियुक्तियां करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें चपरासी, चालक आदि शामिल हैं.”

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद अपने पहले प्रेस कॉन्फेंस में ही गरीबों के बिजली और पानी के बिल माफ करने का ऐलान किया था. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि जिन किसानों के बिजली कनेक्शन काटे गए हैं, उन्हें बहाल करके बिल माफ किए जाएंगे.

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