देश में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के इस दौर में आम लोगों के पास बहुत सी समस्या है उनमें आर्थिक समस्याओं में महंगाई की समस्या एक मुख्य है. वर्तमान समय में महंगाई की समस्या अत्यन्त विकराल रूप धारण कर चुकी है. पेट्रोल- डीजल के दामों से लेकर रसोई गैस तक की दाम आसमान छू रही है. इतना ही नहीं देश में खाद्य तेलों के दाम सहित अन्य कई चीजों के दाम भी बढे है जिसका लिस्ट बहुत लम्बा है. लगातार बढ़ रहे कीमतों को लेकर अब राजनैतिक पार्टियों सहित लोग भी सड़कों पर उतर रहे हैं.

विपक्ष के कई नेताओ ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया है ऐसा ही एक विरोध इसबार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है. महाराष्ट्र के नागपुर शहर में भूपेश बघेल ने बढ़ती हुई महंगाई को लेकर केंद्र सरकार यानि बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि –
देश जिस तरह से कमरतोड़ महंगाई से जूझ रहा है. जनता का जीना मुश्किल हो गया है. मोदी सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने में जिस तरह से विफल हुई है, उसे देखते हुए यह स्वीकार करना पड़ेगा कि भाजपा को सरकार चलानी नहीं आती है.
विशेषज्ञों की माने तो, बढ़ती हुई महंगाई अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रही है. जमाखोरी, राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार, कालाधन, गरीबी, जनसंख्या अल्पविकास, राष्ट्रीयकृत उद्योगों में घाटा, सरकारी कुव्यवस्था, रुपये का अवमूल्यन, मुद्रास्फीति इत्यादि ऐसे कारक हें जो निरन्तर महंगाई को बढ़ाये जा रहे हैं. महंगाई आज राष्ट्रीय ही नहीं अपितु अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बन गई है. महंगाई के कारण असन्तोष बढ़ रहा है हर वर्ग के लोग त्रस्त हैं.