गुजरात में पिछले दो सालों में पुलिस हिरासत में हुई 157 लोगों की मौत

गुजरात सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विधानसभा को बताया कि 2019 में पुलिस हिरासत में 70 मौतें हुईं, जबकि 2020 में अतिरिक्त 87 लोगों की जान गई थी. राज्य सरकार ने बुधवार को विधानसभा को बताया कि पिछले दो वर्षों के दौरान गुजरात में कुल 157 हिरासत में मौतें दर्ज की गई हैं.

(प्रतिकात्मक तस्वीर साभार – सोशल मीडिया)

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2019 में हिरासत में 70 मौतें हुईं, जबकि 2020 में 87 लोगों की मौत हुई थी.

राज्य सरकार ने यह भी कहा कि इन मौतों के सिलसिले में एक निरीक्षक, दो उप निरीक्षक, दो सहायक उप-निरीक्षक और चार कांस्टेबल सहित नौ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, पांच अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. साथ ही खानपुर जोनल ऑब्जर्वेशन होम के 4 कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं.

इसके अलावा, मेहसाणा जोनल ऑब्जर्वेशन होम के एक पुलिस इंस्पेक्टर, एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर, सात कांस्टेबल और तीन कर्मचारियों के खिलाफ आईपीसी 302 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. जवाब में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों के दौरान सूरत शहर में हिरासत में मारे गए पीड़ितों के परिजनों को मुआवजे के रूप में 2.5 लाख रुपये दिए गए हैं।

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